Aarogya Ank Kalyan (Special Issue)

330.00

Kalyan is a monthly spiritual magazine published by Gita Press, Gorakhpur and there is an annual special issue is published with a particular topic. This Special issue is very informative and worth reading. The earlier editions are also available for the readers except for someones.

1592 कल्याण आरोग्य अंक  (2001 ई० का विशेषाङ्क )
1592 Kalyan Arogya Ank  (Special edition of 2001 )

ऋषि-महर्षियों द्वारा प्रतिपादित विभिन्न चिकित्सा-पद्धतियों का निरूपण, आयुतत्त्व-मीमांसा, आहार-विहार, रहन-सहन, स्वाभाविक और संयमित जीवन का स्वरूप, शास्त्रोंद्वारा प्रतिपादित यम-नियम, आचार-विचार एवं यौगिक क्रियाओं का अनुपालन, प्राचीन विधाओं से लेकर अर्वाचीन चिकित्सा पद्धतियों तथा उनके हानि-लाभ का विवेचन, नीरोग रहने के घरेलू नुसखे तथा अनुभूत प्रयोग, विभिन्न भारतीय चिकित्सा-पद्धतियों के महानुभावों का चरित्रावलोकन तथा भगवान् धन्वतरि द्वारा प्रवर्तित आयुर्वेदशास्त्र, इसके साथ ही प्रकृति के कुछ सरल एवं स्वाभाविक नियमों तथा स्वस्थ जीवन के मूलभूत सिद्धान्तों को सरल और सुगमरूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया।

‘कल्याण’ का ७५वाँ विशेषाङ्क ‘आरोग्याङ्क

ऋषि-महर्षियों द्वारा प्रतिपादित विभिन्न चिकित्सा-पद्धतियों का निरूपण, आयुतत्त्व-मीमांसा, आहार-विहार, रहन-सहन, स्वाभाविक और संयमित जीवन का स्वरूप, शास्त्रोंद्वारा प्रतिपादित यम-नियम, आचार-विचार एवं यौगिक क्रियाओं का अनुपालन, प्राचीन विधाओं से लेकर अर्वाचीन चिकित्सा पद्धतियों तथा उनके हानि-लाभ का विवेचन, नीरोग रहने के घरेलू नुसखे तथा अनुभूत प्रयोग, विभिन्न भारतीय चिकित्सा-पद्धतियों के महानुभावों का चरित्रावलोकन तथा भगवान् धन्वतरि द्वारा प्रवर्तित आयुर्वेदशास्त्र, इसके साथ ही प्रकृति के कुछ सरल एवं स्वाभाविक नियमों तथा स्वस्थ जीवन के मूलभूत सिद्धान्तों को सरल और सुगमरूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया।

इस आरोग्याङ्क  से सर्वसाधारण को चिकित्सा के क्षेत्र में नवजागृति और सत्प्रेरणा प्राप्त करने तथा विभिन्न व्याधियों से मुक्त होने और स्वस्थ जीवन के वास्तविक स्वरूप से परिचित हो सकने का सुअवसर प्राप्त हो सका |

Formulation of various medical practices propounded by sage-maharishis, ayutattva-mimamsa, dieting, living, living, natural and restrained nature of life, yama-niyamas enunciated by the scriptures, adherence to ethics and compound actions, from ancient disciplines Discussion of ancient medical practices and their loss and benefits, domestic remedies of neurological and sensible use, of various Indian medical practices Characterization of the great personalities and Ayurveda pioneered by Lord Dhanvantari, along with some simple and natural laws of nature and basic principles of a healthy life, were attempted to be presented in a simple and smooth manner.

Weight 1488 g
Dimensions 27.5 × 19 × 4 cm

Brand

Geetapress Gorakhpur

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