Balakon ke Kartavya

8.00

287 Balakon ke Kartavya by Gita Press, Gorakhpur

‘बालकोंके कर्तव्य’ नामक इस पुस्तिका में ब्रह्मलीन श्रद्धेय श्री जयदयाल जी गोयन्दका के प्रभावशाली बालकोपयोगी दो निबन्ध को प्रकाशित किया गया है। इनमें हमारी पवित्र भारतीय संस्कृति के अनुसार बालकों के जीवन को शुद्ध, समुन्नत तथा सुखी बनाने वाले कर्तव्य का बड़ा ही सुन्दर शास्त्रीय बोध कराया गया है। आज की बढ़ती हुई अनुशासनहीनता एवं उच्छृंखलताओं के वातावरण में इस पुस्तिका के प्रचार से बहुत कुछ सुधार हो सकता है।

 

Description
287 Balakon ke Kartavya by Gita Press, Gorakhpur

‘बालकोंके कर्तव्य’ नामक इस पुस्तिका में ब्रह्मलीन श्रद्धेय श्री जयदयाल जी गोयन्दका के प्रभावशाली बालकोपयोगी दो निबन्ध को प्रकाशित किया गया है। इनमें हमारी पवित्र भारतीय संस्कृति के अनुसार बालकों के जीवन को शुद्ध, समुन्नत तथा सुखी बनाने वाले कर्तव्य का बड़ा ही सुन्दर शास्त्रीय बोध कराया गया है। आज की बढ़ती हुई अनुशासनहीनता एवं उच्छृंखलताओं के वातावरण में इस पुस्तिका के प्रचार से बहुत कुछ सुधार हो सकता है।

Additional information
Weight 72 g
Dimensions 20 × 13.5 cm
Brand

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Geetapress Gorakhpur

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