ऐसा कहा जाता है कि जहां बुद्धि होती है वहीं धन भी रहता है। जब भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों की बुद्धि परीक्षा ली तो इस परीक्षा में भगवान गणेश ने विजय श्री प्राप्त की है। अतः भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की एक साथ पूजा करनी चाहिए।
चिरकाल में भगवान शिव ने गणेश जी का वध कर दिया तो उन्होंने अपने दूतों को उत्तर दिशा में भेजा और कहा -जो भी इस दिशा में पहले दिख जाए। उसका मस्तिष्क ले आएं। उस समय भगवान शिव के दूतों ने ऐरावत का मुख लाया था। इसलिए भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा उत्तर दिशा में अवस्थित करें। घर में पूजा स्थल उत्तर अथवा उत्तर पूरब दिशा में रहना चाहिए।
कई बार लोग जाने-अनजाने में मां लक्ष्मी की प्रतिमा को भगवान गणेश के बाईं ओर रख देते हैं। इससे घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ जाती है क्योंकि पुरुष के बाईं ओर पत्नी बैठती हैं। जबकि मां लक्ष्मी आदिशक्ति है जो कि भगवान गणेश की मां हैं। अतः हमेशा मां लक्ष्मी की प्रतिमा भगवान गणेश के दाहिनी ओर रखें। इस तरह के उपाय करने से घर पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा हमेशा बनी रहती है।
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