शिव प्रिय, मेंहदी के पौधे के समान लगने वाले सहज, सुलभ, सस्ता, पवित्र व प्रभावशाली पौधा तांत्रिक साधना में अति महत्वपूर्ण होता है। नागकेसर के सूखे फूल औषध, मसाले और रंग बनाने के काम में आते हैं। इनके रंग से प्रायः रेशम रँगा जाता है। श्री लंका में बीजों से गाढा, पीला तेल निकालते हैं, जो दीया जलाने और दवा के काम में आता है। तमिलनाडु में इस तेल को वातरोग में भी मलते हैं। इसकी लकड़ी से अनेक प्रकार के सामान बनते हैं। आईये जानते है नागकेशर और किन-किन कामों में लाभकारी सिद्ध होती है।
नागकेसर के फायदे: नागकेसर एक छोटा सा पौधा होता है और इसे आयुर्वेद में गुणकारी माना जाता है। नाग केसर को और भी कई नामों से जाना जाता है और इसे नागचम्पा, भुजंगाख्य, हेम और नागपुष्प भी कहा जाता है। नाग केसर दक्षिणी भारत, पूर्व बंगाल, और पूर्वी हिमालय में अधिक पाया जाता है और ये पौधा गर्मियों के समय खिलाता है। नाग केसर के पौधे पर लगने वाले फूलों का प्रयोग आयुर्वेद में किया जाता है और इसकी मदद से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
नागकेसर में कई सारे औषधियां गुण पाए जाते हैं और ये सेहत के लिए लाभदायक होता है। नागकेसर के सेवन से मासिक धर्म में होने वाले दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है। नागकेसर के सेवन से शरीर में ताकत आती है और पेट संबंधित रोगों को दूर करने में फायदेमंद होता है।
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Sri Kashi Vedic Sansthan

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