॥ श्रीहरिः ॥
विषय
गृहस्थके नित्यकर्मका फल-कथन
प्रातः जागरणके पश्चात् स्नानसे पूर्वके कृत्य १- ब्राह्म-मुहूर्तमें जागरण
करावलोकन
भूमि-वन्दना
मंगल-दर्शन
माता-पिता, गुरु एवं ईश्वरका अभिवादन
मानसिक शुद्धिका मन्त्र
कर्म और उपासनाका समुच्चय ( तन्मूलक संकल्प)
अजपाजप
(क) किये हुए अजपाजपके समर्पणका संकल्प
(ख) आज किये जानेवाले अजपाजपका संकल्प
प्रातः स्मरणीय श्लोक
गणेशस्मरण
विष्णुस्मरण
शिवस्मरण
देवीस्मरण
सूर्यस्मरण
त्रिदेवोंके साथ नवग्रहस्मरण
ऋषिस्मरण
प्रकृतिस्मरण
पुण्यश्लोकोंका स्मरण
दैनिक कृत्य-सूची-निर्धारण
शौचाचार
शौच-विधि
(क) मूत्र-शौच-विधि
(ख) परिस्थिति-भेदसे शौचमें भेद
(ग) आभ्यन्तर शौच
आचमनकी विधि
संकल्प
दन्तधावन-विधि
ग्राह्य दातौन
(ख) निषिद्ध दातौन (ग) निषिद्ध काल
(घ) निषिद्ध कालमें दाँतोंके धोनेकी विधि
(ङ) मंजन
८- क्षौर-कर्म
तैलाभ्यङ्ग-विधि
स्नान
१-स्नानकी आवश्यकता
स्नानके भेद
अशक्तोंके लिये स्नान
स्नानकी विधि
जलकी सापेक्ष श्रेष्ठता.
२-स्नानाङ्ग-तर्पण
(क) देव-तर्पण
(ख) ऋषि-तर्पण
(ग) पितृ-तर्पण
तर्पणके बादका कृत्य
दूसरेके लिये स्नान
(क) जीवित व्यक्तिके लिये
(ख) मृत व्यक्तिके लिये
वस्त्रधारण-विधि
आसन
शिखा-बन्धन
यज्ञोपवीत-धारण करनेकी आवश्यकता
यज्ञोपवीत कब बदलें?
यज्ञोपवीत-संस्कार एवं धारणकी विधि
तिलक-धारण-प्रकार
भस्मादि-तिलक-विधि.
(क) भस्मका अभिमन्त्रण
(ख) भस्म लगानेका मन्त्र
पवित्रीधारण
(क) कुशोत्पाटन-विधि
(ख) ग्रहण करनेयोग्य कुश
हाथों में तीर्थ
११-जप-विधि
(क) स्थान-भेदसे जपकी श्रेष्ठताका तारतम्य
(ख) माला-वन्दना
शक्तिमन्त्रकी करमाला
संध्या-प्रकरण-
संध्याका समय
संध्याकी आवश्यकता
संध्या न करनेसे दोष
संध्या-कालकी व्याख्या
संध्यास्तुति
संध्याके लिये पात्र आदि
संध्योपासन-विधि
आचमन
मार्जन-विनियोग-मन्त्र
संध्याका संकल्प
आचमन
प्राणायामका विनियोग
(क) प्राणायामके मन्त्र.
(ख) प्राणायामकी विधि
(ग) प्राणायामके बाद आचमन
मार्जन
मस्तकपर जल छिड़कनेके विनियोग और मन्त्र
अघमर्षण और आचमनके विनियोग और मन्त्र
सूर्यार्च्य-विधि
सूर्योपस्थान
गायत्री-जपका विधान
षडङ्गन्यास
प्रातःकाल ब्रह्मरूपा गायत्रीमाताका ध्यान
गायत्रीका आवाहन
गायत्रीदेवीका उपस्थान (प्रणाम)
गायत्री-शापविमोचन
ब्रह्म-शापविमोचन
वसिष्ठ-शापविमोचन
विश्वामित्र-शापविमोचन
(४) शुक्र-शापविमोचन
४- जपके पूर्वकी चौबीस मुद्राएँ गायत्री-मन्त्रका विनियोग
५-देवमन्त्र जपनेकी करमाला
६-गायत्री-मन्त्र
गायत्री मन्त्रका अर्थ
(क) जपके बादकी आठ मुद्राएँ
सूर्य-प्रदक्षिणा
भगवान्को जपका अर्पण
गायत्री देवीका विसर्जन
(ख) गायत्री-कवच
संध्योपासनकर्मका समर्पण.
(ग) गायत्री-तर्पण
७- मध्याह्न-संध्या
सूर्योपस्थान
विष्णुरूपा गायत्रीका ध्यान
८- सायं-संध्या
सायंकालीन सूर्योपस्थान
शिवरूपा गायत्रीका ध्यान,
९-आशौचमें संध्योपासनकी विधि
पञ्चमहायज्ञ
१-ब्रह्मयज्ञ
२-तर्पण (पितृयज्ञ)
तर्पणका फल
तर्पण न करनेसे प्रत्यवाय (पाप)
तर्पणके योग्य पात्र
तिल-तर्पणका निषेध.
तर्पण-प्रयोग-विधि-
(१) देव-तर्पण-विधि १०५ १०५
(२) ऋषि-तर्पण
(३) दिव्य मनुष्य-तर्पण
(४) दिव्य पितृ-तर्पण
(५) यम-तर्पण
(४) शुक्र-शापविमोचन
४- जपके पूर्वकी चौबीस मुद्राएँ गायत्री-मन्त्रका विनियोग
५-देवमन्त्र जपनेकी करमाला
६-गायत्री-मन्त्र
गायत्री मन्त्रका अर्थ
(क) जपके बादकी आठ मुद्राएँ
सूर्य-प्रदक्षिणा
भगवान्को जपका अर्पण
गायत्री देवीका विसर्जन
(ख) गायत्री-कवच
संध्योपासनकर्मका समर्पण.
(ग) गायत्री-तर्पण
७- मध्याह्न-संध्या
सूर्योपस्थान
विष्णुरूपा गायत्रीका ध्यान
८- सायं-संध्या
सायंकालीन सूर्योपस्थान
शिवरूपा गायत्रीका ध्यान,
९-आशौचमें संध्योपासनकी विधि
पञ्चमहायज्ञ
१-ब्रह्मयज्ञ
२-तर्पण (पितृयज्ञ)
तर्पणका फल
तर्पण न करनेसे प्रत्यवाय (पाप) १०३
तर्पणके योग्य पात्र
तिल-तर्पणका निषेध.
तर्पण-प्रयोग-विधि-
(१) देव-तर्पण-विधि १०५ १०५
(२) ऋषि-तर्पण
(३) दिव्य मनुष्य-तर्पण
(४) दिव्य पितृ-तर्पण
(५) यम-तर्पण
(६) मनुष्यपितृ-तर्पण
(७) द्वितीय गोत्र-तर्पण
(८) पल्यादितर्पण
(९) वस्त्र-निष्पीडन
(१०) भीष्मतर्पण
(११) सूर्यको अर्घ्यदान
(१२) समर्पण
सूर्यके बारह नमस्कार…
नित्य-दान
३-देवपूजा-प्रकरण (देवयज्ञ)-
१-पूजन-सम्बन्धी जाननेयोग्य कुछ आवश्यक बातें .
पञ्च देव …….
अनेक देवमूर्ति-पूजा-प्रतिष्ठा-विचार.
पाँच उपचार
दस उपचार
सोलह उपचार
फूल तोड़नेका मन्त्र
तुलसीदल-चयन
तुलसीदल तोड़नेके मन्त्र
तुलसीदल-चयनमें निषिद्ध समय
बिल्वपत्र तोड़नेका मन्त्र
बिल्वपत्र तोड़नेका निषिद्ध काल
बासी जल, फूलका निषेध
सामान्यतया निषिद्ध फूल
पुष्पादि चढ़ानेकी विधि
उतारनेकी विधि
२- पञ्चदेव-पूजा (आगमोक्त-पद्धति)
गृह-मन्दिरमें स्थित पञ्चदेव-पूजा
भूतोत्सादन-मन्त्र आसन पवित्र करनेका विनियोग एवं मन्त्र
पूजाकी बाहरी तैयारी
पूजा-सामग्रीके रखनेका प्रकार
पूजाकी भीतरी तैयारी
३- मानस-पूजा
४- पञ्चदेव-पूजन-विधि
गणेश-स्मरण
पूजनका संकल्प
घण्टा-पूजन
शङ्ख-पूजन
उदकुम्भकी पूजा
विष्णुका ध्यान
शिवका ध्यान
गणेशका ध्यान
सूर्यका ध्यान
दुर्गाका ध्यान
विष्णु-पञ्चायतन-पूजन
५- सर्वसामान्य देवी-देव-पूजाका विधान
६-शिव-पूजा
৩- दुर्गा-पूजा-विधान
८-नित्यहोम
४-बलिवैश्वदेव (भूतयज्ञ)- १६२
१- बलिवैश्वदेव-विधि
(१) देवयज्ञ
बलिहरण-मण्डल
(२) भूतयज्ञ
(३) पितृयज्ञ
(४) मनुष्ययज्ञ
(५) ब्रह्मयज्ञ
२-पञ्चबलि-विधि
(१) गोबलि (पत्तेपर)
(२) श्वानबलि (पत्तेपर) १६९
(३) काकबलि ( पृथ्वीपर)
(४) देवादिबलि (पत्तेपर)
(५) पिपीलिकादिबलि (पत्तेपर)
अग्निका विसर्जन
५-अतिथि (मनुष्य )-यज्ञ
विशेष बातें
नित्य-श्राद्ध-वार्षिक तिथिपर श्राद्धके निमित्त संकल्प
भोजनादि शयनान्तविधि-
भोजन-विधि
पञ्च प्राणाहुति
भोजनके बादके कृत्य
हलका विश्राम
पुराण आदिका अनुशीलन
लोकयात्रा और संध्योपासन
सांध्यदीप
आत्मनिरीक्षण एवं प्रभुस्मरण
विशिष्ट पूजा-प्रकरण-
१-स्वस्त्ययन
२- संकल्प-
(क) निष्काम संकल्प १८६
(ख) सकाम संकल्प
३-न्यास
अङ्गन्यास
पञ्चाङ्गन्यास
करन्यास
४-गणपति और गौरीकी पूजा १९०
५-कलश-स्थापन
६- पुण्याहवाचन.
७- अभिषेक
८- षोडशमातृका-पूजन
९-सप्तघृतमातृका-पूजन
१०-आयुष्यमन्त्र
११-नवग्रह-मण्डल-पूजन
१२-अधिदेवता और प्रत्यधिदेवताका स्थापन
१३-पञ्चलोकपाल-पूजा
१४-वास्तोष्पति-पूजन
१५-क्षेत्रपालका आवाहन-स्थापन
१६-दश दिक्याल-पूजन
१७-चतुःषष्टियोगिनी-पूजन
१८-रक्षा-विधान
१९-श्रीशालग्राम-पूजन ..
२०-श्रीमहालक्ष्मी-पूजन
अष्टसिद्धि-पूजन
अष्टलक्ष्मी-पूजन
देहलीविनायक-पूजन श्रीमहाकाली (दावात)-पूजन
लेखनी-पूजन
कुबेर-पूजन
तुला तथा मान-पूजन
दीपमालिका (दीपक)-पूजन
प्रधान आरती
श्रीलक्ष्मीजीकी आरती
२१-वैदिक शिव-पूजन
नन्दीश्वर-पूजन
वीरभद्र-पूजन
कार्तिकेय-पूजन
कुबेर-पूजन
कीर्तिमुख-पूजन
सर्प-पूजन
शिव-पूजन
अभिषेक
भगवान् गङ्गाधरकी आरती
२२-पार्थिव-पूजन
अष्टमूर्तियोंकी पूजा
ज्ञातव्य बातें
स्तुति-प्रकरण-
१- श्रीसङ्कष्टनाशनगणेशस्तोत्रम्
२- श्रीगणपत्यथर्वशीर्षम्
३-गणेशपञ्चरतलनम्
४- श्रीसत्यनारायणाष्टकम्
५- श्रीआदित्यहृदयस्तोत्रम्
६-चाक्षुषोपनिषद् ( चाक्षुषी विद्या)
७- श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम्
-श्रीशिवमहिम्नःस्तोत्रम्
९- श्रीशिवमानस-पूजा
१०-देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम्
११-अन्नपूर्णास्तोत्रम्
१२-श्रीकनकधारास्तोत्रम् .
१३-श्रीसूक्तम्
१४-पुरुषसूक्तम्
१५-श्रीकृष्णाष्टकम्
१६-श्रीगङ्गाष्टकम्
१७-श्रीनवग्रहस्तोत्रम्
१८-श्रीकालभैरवाष्टकम्.
१९-रामरक्षास्तोत्रम्
२०-गजेन्द्रमोक्ष
२१-विष्णुसहस्रनामस्तोत्रम्
२२-श्रीसप्तश्लोकी दुर्गा
२३-सप्तश्लोकी गीता
२४-चतुःश्लोकिभागवतम्
२५-एकश्लोकिरामायणम्
२६-अश्वत्थस्तोत्रम्
८-सूर्यके अर्चनके लिये विहित पत्र-पुष्प
९-सूर्यके लिये निषिद्ध फूल.
१०-फूलोंके चयनकी कसौटी
संक्षिप्त पुण्याहवाचन
नित्यहोम-विधि
२७-तुलसीस्तोत्रम्
२८-गौको नमस्कार करनेके मन्त्र
२९-गोग्रास-नैवेद्य-मन्त्र
३०-गोप्रदक्षिणा-मन्त्र
३१-श्रीहनुमानचालीसा
देव-पूजामें विहित एवं निषिद्ध पत्र-पुष्प-
१-गणपतिके लिये विहित पत्र-पुष्प
२-देवीके लिये विहित पत्र-पुष्प
३-देवीके लिये विहित-प्रतिषिद्ध पत्र-पुष्प
४-शिव-पूजनके लिये विहित पत्र-पुष्प
५-शिवार्चामें निषिद्ध पत्र -पुष्प
६-विष्णु-पूजनमें विहित पत्र-पुष्प
७-विष्णुके लिये निषिद्ध फूल
चित्र-सूची
(रंगीन चित्र)
१- भगवान् विष्णु
२-विष्णु पञ्चायतन
३-वेदमाता भगवती गायत्री
४-गायत्रीमाताका त्रैकालिक ध्यान-स्वरूप
(सादे चित्र)
१-हाथोंमें तीर्थ
२-शक्ति-मन्त्रकीकरमाला
३-संध्याके लिये पात्र आदि.
४-प्राणायामकी विधि
५-सूर्यांच्य-विधि
६-प्रातःकालीन सूर्योपस्थान.
७- षडङ्गन्यास..
८-गायत्री-जपके पूर्वकी चौबीस मुद्राएँ
९-देवमन्त्र जपनेकी करमाला
१०-जपके बादकी आठ मुद्राएँ.
११-मध्याह्न-सूर्योपस्थान …
१२-सायंकालीन सूर्योपस्थान,
१३-प्राजापत्य (काय)-तीर्थ,
१४-विष्णु-पञ्चायतन
१५-गणेश-पञ्चायतन, शिव-पञ्चायतन, देवी-पञ्चायतन
एवं सूर्य-पञ्चायतन
१६-बलिहरण-मण्डल
१७-योडशमातृका-चक्र
१८-सप्तघृतमातृका (वसो्धारा )
१९-नवग्रह-मण्डल
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