साईंबाबा व्रत रखने के सरल नियम
- १. यह व्रत सभी स्त्री-पुरुष यहाँ तक कि बच्चे भी रख सकते हैं।
- २. व्रत को शुरू करते समय ५, ७, ६, ११ अथवा २१ गुरुवार की मन्नत रखनी चाहिए।
- ३. स्मरण रखें कि व्रत के दौरान भूखे ना रहें। फलाहार करके यह व्रत किया जा सकता है। भोजन मीठा, नमकीन कैसा भी हो सकता है। प्याज आदि के इस्तेमाल पर रोक नहीं है।
- ४. यह व्रत सरल होने के साथ ही बहुत चमत्कारी है। माने गए प्रत्येक गुरुवार को विधिपूर्वक व्रत से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
- ५. यह व्रत किसी भी गुरुवार को बाबा की प्रतिमा या चित्र के समक्ष ‘धूप-अगरबत्ती’ कर शुरू किया जा सकता है। जिस कार्य-सिद्धि के लिए व्रत कर रहे हो, उसके लिए बाबा से मन ही मन पवित्र हृदय से प्रार्थना करें।
- ६. साईंबाबा का यह व्रत कभी भी सूतक, पादक, श्राद्ध इत्यादि में भी रखा जा सकता है।
- ७. यदि किसी कारणवश किसी गुरुवार को व्रत ना कर पाएँ तो उस गुरुवार को गिनती में न लेते हुए मन में किसी प्रकार की शंका न रखते हुए अगले गुरुवार से व्रत जारी रखें एवं माने हुए गुरुवार पूरे कर व्रत का उद्यापन करें।
- ८ एक बार मन्नत अनुसार व्रत पूर्ण करने के पश्चात् फिर मन्नत कर सकते हैं और फिर व्रत कर सकते हैं।
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