यह पात्र रुद्राभिषेक के आयोजन के समय शिवलिंग के नीचे रखा जाता है जिससे रुद्राभिषेक के समय अर्पित किये गए द्रव्य (दूध, दही शक्कर, शहद इत्यादि ) इसी पात्र से निकल कर बाहर हो जाए जिन्हें अन्य किसी पात्र में एकत्रित भी किया जा सकता है | इस पात्र को सोमसूत्र कहा जाता है | सोमरस देवताओं का प्रिय पेय माना गया। सोमरस अमृततुल्य कहा गया। इसी से सोम के अर्थ में अमृत भी है। रुद्राभिषेक के शिवलिंग पर अर्पित किये गए द्रव्य अमृततुल्य माने जाते है जिन्हें बाद में चरणामृत के रूप में वितरित किया जाता है | इसलिए इस पात्र को सोम- सूत्र अर्थार्थ अमृततुल्य पेय बनाने वाला सूत्र कहते है |
This vessel is kept below the Shivalinga at the time of Rudrabhishek so that the liquids (milk, curd, sugar, honey, etc.) offered at the time of Rudrabhishek come out of this vessel and can also be collected in some other vessel. This vessel is called Somasutra. Somras was considered the favorite drink of the gods. Somras is said to be like nectar. Due to this, Soma also means Amrit.
The liquids (milk, curd, sugar, honey, etc.) offered on the Shivalinga during Rudrabhishek are considered to be like nectar which is later distributed in the form of Charanamrit. That’s why this vessel is called Soma-Sutra, meaning the headspring that makes a drink like nectar.
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