Black Cowrie ( Kaali Kaudi) 11 Nos.

66.00

Kaali kaudi Pack of 11 Nos.

Black (Kaali) Kaori is used for Goddess Kaali and Baba Bhairav Pooja. There are also serval usees for various benefits.

कौड़ी माता का मन्दिर

भारत में उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी वाराणसी में एक मंदिर ऐसा भी है, जहाँ प्रसाद के रूप में कौड़ी चढती है और कौड़ी ही मिलती है। इसे ‘कौड़ी माता का मन्दिर’ कहा जाता है। यही नहीं कौड़ी माता का स्नान भी कौड़ी से ही कराया जाता है। अगर माता को प्रसन्न करना है तो रुपयों से कौडी ख़रीदी जाती हैं उनके चरणों में समर्पित करके आर्शीवाद पाया जाता है। चूंकि यह दक्षिण की देवी हैं, इसलिए दक्षिण भारत से आने वाले श्रद्धालु ही अधिकांशत: यहाँ पर दर्शन के लिए आते हैं। बाहरी दर्शनार्थी कौड़ी लेकर आते हैं और चढ़ाते हैं। बदले में प्रसाद स्वरूप उन्हें एक कौड़ी दी जाती है, जिसे श्रद्धालु सुख समृद्धि का प्रतीक मानकर अपने घर के पूजा के स्थान पर रखते हैं। ‘कौड़ी माता’ तमिल भाषा में ‘माता सोइउम्मा’ तथा तेलुगू में ‘गवल अम्मा’ के नाम से जानी जाती हैं।

श्री काशी वैदिक संस्थान, वाराणसी से इस मंदिर की प्रसाद की कौड़ी नि:शुल्क भेजी जाती है |

काली कौड़ी का प्रयोग माता काली की पूजा तथा भैरव जी की पूजा में होता है तथा अन्य प्रयोग भी किये जाते है जो इस प्रकार है :-

1-काले कपड़े में एक बड़ी काली कौड़ी बांधकर अपने व्यापार या ऑफिस में अपनी मेज की दराज में मंत्र से अभिमंत्रित कर रख लें,तो नजर लगनी बंद होकर धन और कार्य में बड़ी व्रद्धि होकर लाभ और सफलता की प्राप्ति होती हैं।

2- 2 या 7 काली कौड़ी, सात काली हल्दी की बिन टूटी गांठ को लेकर मंत्र से अभिमंत्रित करके एक काले रंग के कपड़े में बांधकर घर के दक्षिण भाग में या तिजोरी के दक्षिण भाग में रख यानि स्थापित कर लें।तो तांत्रिक असर समाप्त होकर आपके घर या ऑफिस में सदैव धन कार्य की व्रद्धि और आने वाले और परिजनों में प्रेम, स्नेह और भाग्योदय का वातावरण बना रहता हैं।

3-काले रंग कौड़ी काले रेशमी कपड़े में बांधकर उसे इस मंत्र से अभिमन्त्रित कर के अपने शत्रु के या आपसे निरन्तर शत्रुता और वेमनस्य या प्रतिस्पर्द्धा रखने व्यक्ति के नाम के साथ लिख कर अपनी मनोकामना कह कर अपने घर या किसी भी मंदिर या पीपल या बड़ के पेड़ के नीचे दक्षिण भाग में दबा दें।और वहां सादा जल चढ़ा दें।बस वह व्यक्ति आपके साथ मित्रता पूर्ण नहीं तो सामान्य व्यवहार करने लगेगा।

4-कोई व्यक्ति या स्त्री कन्या या बच्चा यदि नींद में अचानक डर जाता हो, तो उसके सिरहाने एक काली बड़ी कौड़ी अभिमंत्रित करके सिरहाने रख दें।तो सभी प्रकार का नींद में डरना बंद हो जाता हैं ।

5-धन की प्राप्ति को पूर्णिमां की रात में और शनिदेव की महाकृपा और भाग्य व्रद्धि से लेकर तांत्रिक अभिचार की समाप्ति को अमावस्या की रात्रि को किये जाने वाला विशेष तांत्रिक प्रयोग इस प्रकार से है की-

पूर्णमासी की रात 8 बजे के करीब नौ लाल रंग के या पीले रंग के गुलाब के फूल और साथ ही नौ पीली बड़ी कौड़ी और ९ काली कौड़ियां के साथ एक – एक गुलाब पुष्प पर..ये शाबरी मंत्र जप करते हुए उन्हें अभिमंत्रित करें., और लाल रंग के कपड़े में बांधकर उसी समय या अगले दिन प्रातः अँधेरी ही जाकर अपनी दुकान, कार्यस्थल पर रख देने से आप देखेंगे कि- उसी दिन से दिन रात चौगुनी आपकी आय या धन व् कार्य में दिन पे दिन वृद्धि होने लगेगी।

2-अमावस्या की रात्रि 10 से 1 बजे के बीच कभी भी एक काली कौड़ी तथा कनेर का एक फूल या गुड़हल का एक फूल या मालती पुष्प की जड़ को पीले कपड़े में बांध करके उसे इसी मंत्र से अभिमंत्रित कर ताबीज़ की तरह अपने गले या सीधी बाह में धारण कर लेंने से सभी प्रकार के क़र्ज़ से मुक्ति व् भाग्य बन्धन खुलकर शनिदेव की कृपा और आय के साधन खुलकर अच्छी प्रकार से धन की व्रद्धि होती हुयी सभी प्रकार के पद प्रतिष्ठा आदि में लाभ में प्राप्त होता जता हैं।

6-अपने घर या दुकान आदि का निर्माण करते समय उसके

ईशान्य यानि उत्तर कोने की नीव में मंत्र से अभिमंत्रित ९असली काली कौड़ियां दबा देने से सभी प्रकार के वास्तु दोष एवं उस जगह में होनेवाले सभी तांत्रिक क्रियाओं के निगेटिव असर और उनके दुष्परिणाम से सुरक्षा होकर घर कीलित होकर सुरक्षित रहता हैं।