Devarshi Narad

25.00

751 Devarshi Narad by Gita Press, Gorakhpur

भगवद्भक्ति के प्रधान आचार्य लोक-प्रसिद्ध परम भागवत देवर्षि श्रीनारद का महान् चरित्र जगत्के लिये परम आदर्श है। देवर्षि नारद ज्ञान के स्वरूप, भक्ति के सागर, परम पुनीत प्रेम के भण्डार, दया के निधान, विद्या के खजाने, आनन्द की राशि, सदाचार के आधार, सर्वभूतों के सुहृद, विश्व के सहज हितकारी, अधिक क्या वे समस्त सद्गुणों की खान हैं। नारद का चरित्र अपार है, उसका पूरा संकलन और प्रकाशन तो असम्भव है, उनके जीवन की कुछ इनी-गिनी घटनाओं और उनके थोड़े-से उपदेशों का यह संग्रह प्रकाशित करने में गीताप्रेस के संचालक अपना बड़ा सौभाग्य समझते हैं। देवर्षि नारद सारे विश्व-प्राणियों के-देवता, मनुष्य, राक्षस सभी के समान आदरणीय और पूजनीय हैं|

 

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751 Devarshi Narad by Gita Press, Gorakhpur

भगवद्भक्ति के प्रधान आचार्य लोक-प्रसिद्ध परम भागवत देवर्षि श्रीनारद का महान् चरित्र जगत्के लिये परम आदर्श है। देवर्षि नारद ज्ञान के स्वरूप, भक्ति के सागर, परम पुनीत प्रेम के भण्डार, दया के निधान, विद्या के खजाने, आनन्द की राशि, सदाचार के आधार, सर्वभूतों के सुहृद, विश्व के सहज हितकारी, अधिक क्या वे समस्त सद्गुणों की खान हैं। नारद का चरित्र अपार है, उसका पूरा संकलन और प्रकाशन तो असम्भव है, उनके जीवन की कुछ इनी-गिनी घटनाओं और उनके थोड़े-से उपदेशों का यह संग्रह प्रकाशित करने में गीताप्रेस के संचालक अपना बड़ा सौभाग्य समझते हैं। देवर्षि नारद सारे विश्व-प्राणियों के-देवता, मनुष्य, राक्षस सभी के समान आदरणीय और पूजनीय हैं|