In the Puranas and other scriptures of Jyotirlingas of Lord Shiva, infinite glory has been told. He has been called the manifestation of Shiva. With his seen, touch and worship, devotees get all the desired wishes. Until now, there was no independent book to introduce their origin, establishment and greatness. To fulfill this need, a book named ‘Om Namah Shivaya’ has been published. In this, all the things in the form of a story are explained in simple language. . Also, attractive colorful pictures of each Jyotirlinga have also been given. Devotees and devotees can benefit greatly by observing and studying this book.
‘ॐ नमः शिवाय’
भगवान् शिव के द्वादश ज्योतिर्लिङ्गों की पुराणों तथा अन्य धर्मग्रन्थों में अपरम्पार महिमा बतायी गयी है। इन्हें शिवजी का साक्षात् स्वरूप कहा गया है। इनके दर्शन, स्पर्श और पूजन से भक्तों को सभी मनोवाञ्छित वर प्राप्त होते हैं। अब तक इनकी उत्पत्ति, स्थापन और माहात्म्य का परिचय देने वाली कोई स्वतन्त्र पुस्तक उपलब्ध नहीं थी। इस आवश्यकता की पूर्ति के लिये ॐ नमः शिवाय’ नामक पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। इसमें कथा के रूप में सारी बातें सरल भाषा में समझायी गयी हैं। । साथ ही प्रत्येक ज्योतिर्लिङ्ग के आकर्षक रंगीन चित्र भी दिये गये हैं। इस पुस्तक के अवलोकन-अध्ययनद्वारा भक्त और श्रद्धालुजन भरपूर लाभ उठा सकते हैं।
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