हल्दी की गाँठ (खड़ी हल्दी ) का प्रयोग लगभग हर पूजा में किया जाता है | पूजा में इसकी पांच गांठो की जरुरत पड़ती है तथा इसे इसी रूप में चढ़ाया जाता है | हल्दी की गाँठ के अनेको अन्य तांत्रिक प्रयोग भी किये जाते है | इसी हल्दी की गाँठ को पिस कर चूर्ण बनाया जाता है जिसका प्रयोग भोजन में किया जाता है | हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है प्रतिदिन रात को सोने से पहले हलके गुनगुने पानी में थोड़ी सी हल्दी मिला कर गरारा करने से गले की सभी समस्या समाप्त हो जाती है | दर्द से मुक्ति के लिए भी सरसों के तेल में हल्दी मिला कर लगायी जाती है | वास्तव में हल्दी के अनेको गुण है जो की मानव के लिए प्रकृति का वरदान है |
बृहस्पति यदि कमजोर हो या आर्थिक समस्या हो तो हल्दी की एक गाँठ पीले कपडे में बाजू में बाँध ले यह पुखराज का काम करेगी |
धन रखने के स्थान पर ३-४ हल्दी की गाँठ रखने से समृद्धि होती है |
सफ़ेद चन्दन की लकड़ी के साथ हल्दी और केसर मिला कर तिलक बना कर लगाना चाहिए जो बहुत शुभ होता है |
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Sri Kashi Vedic Sansthan
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