सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है कि आप की आस्था कैसी है । यहाँ आस्था का तात्पर्य सिर्फ भक्ति पूजा से नही बल्कि आपके कर्म तथा धर्म के प्रति भी है।
यदि आपकी अपने कर्म और धर्म के प्रति आस्थावान नही है तो सफलता संभव नही है। ठीक इसी प्रकार जब ईश्वर के प्रति आस्था न हो तो आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होना भी सम्भव नही है।
लेकिन सच्ची आस्था आपको समय और परिस्थितियों के अनुरूप ही आ सकती है या आपके जीवन में कोई अप्रत्याशित घटना ही आपको ईश्वर के प्रति भक्ति की ओर अग्रसर करती है।
अपने मन,कर्म,और वाणी को नियंत्रित करना ही आध्यात्मिक मार्ग पर सफलता दे सकता है।
प्रयास निरंतर करते रहें और अपने जीवन के उद्देश्य को सार्थक करें ।
।। जय श्री राम।।