186 Satya Premi Harishchandra ( Adarsh Charitmala -2 ) by Gita Press, Gorakhpur
‘सत्यप्रेमी हरिश्चन्द्र’ आदर्श चरितमाला का दूसरा पुष्प है। श्री हरिश्चन्द्र का चरित्र अनेकों ग्रन्थों में बिखरा हुआ है और वह बहुत ही आश्चर्यजनक है। पण्डितजी ने प्रायः सभी ग्रन्थों में बहुत खोजकर संक्षेप में यह चरित्र लिखा है। हरिश्चन्द्र की सत्यवादिता और धर्म पर दृढ़ता आदर्श है। यह सत्य है कि जो अपने धर्म और सत्य पर दृढ़ रहता है, किसी भी परीक्षा में पीछे नहीं हटता, वह अन्त में भगवान्की अपार कृपा को प्राप्त करके धन्य जीवन हो जाता है । हरिश्चन्द्रका जीवन इसका ज्वलन्त उदाहरण है।
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