Balak ki Dincharya (The Daily routine of Children)

25.00

1692 Balako ki Dincharya (The Daily  Routine of Children in Hindi Rhymes way and pictures) by Gita Press Gorakhpur.

बालक कैसे जागे, कैसे सोये और जागने के समय से लेकर सोने तक क्या-क्या और कैसे-कैसे करे—यही इस छोटी-सी पुस्तक में लेखक के द्वारा संक्षेपतः बताया गया है। इस प्रकार इसमें बालक की पूरी दिनचर्या आ गयी है तथा साथ ही स्वास्थ्य और सफाई के प्रारम्भिक नियमों का भी दिग्दर्शन करा दिया गया है। इस प्रकार इस एक ही पुस्तक में बालकों के रहन सहन  की प्रायः सारी बातें सूत्र-रूप में आ गयी हैं।  इससे बालकों की शिक्षा के एक आवश्यक अंग की पूर्ति होगी।

बालक कैसे जागे, कैसे सोये और जागने के समय से लेकर सोने तक क्या-क्या और कैसे-कैसे करे—यही इस छोटी-सी पुस्तक में लेखक के द्वारा संक्षेपतः बताया गया है। इस प्रकार इसमें बालक की पूरी दिनचर्या आ गयी है तथा साथ ही स्वास्थ्य और सफाई के प्रारम्भिक नियमों का भी दिग्दर्शन करा दिया गया है। इस प्रकार इस एक ही पुस्तक में बालकों के रहन सहन  की प्रायः सारी बातें सूत्र-रूप में आ गयी हैं।  इससे बालकों की शिक्षा के एक आवश्यक अंग की पूर्ति होगी।

विषय-सूची

  • १-सबेरे जागो
  • २- जागकर क्या करोगे?
  • ३- शौच जाओ
  • ४- दातीन करो
  • ५- स्नान करो
  • ६- वस्त्र पहनो
  • ७- प्रणाम करो
  • ८- भोजनके योग्य चीजें
  • ९- भोजनके अयोग्य चीजें
  • १०- भोजनके अयोग्य चीजें-२
  • ११- कैसे खाओगे?
  • १२- कुल्ला और मुखशुद्धि
  • १३- पढो
  • १४- सो जाओ
Weight 114 g
Dimensions 27 × 18.5 cm

Brand

Geetapress Gorakhpur

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