Bhakt Narsih Mehta

25.00

168 Bhakt Narsih Mehta by Gita Press, Gorakhpur

भक्तराज नरसिंहराम का जीवन अलौकिक बातों से भरा हुआ है। यद्यपि हमारी तुच्छ बुद्धि के लिये सारी बातों का रहस्य समझना और उन पर विश्वास करना कठिन है, फिर भी वे बातें हमारे अन्दर एक विचित्र आशा का संचार कर सकती हैं, जिसका प्रकाश हमें कल्याण मार्ग पर अग्रसर होने में पर्याप्त सहायक हो सकता है।

 

Categories: , Tag:
168 Bhakt Narsih Mehta by Gita Press, Gorakhpur

भक्तराज नरसिंह रामजी ने अपने एक भजन में कहा है कि ‘भ्रष्ट होकर इधर-उधर भटकने वाले मन का निग्रह करने के लिये सत्संग एक प्रबल साधन है।’ परंतु वर्तमान युग में ऐसे कल्याणकारी सत्संग का प्राप्त होना सम्भवतः कुछ कठिन है। इसलिये इसकी पूर्ति बहुत अंशों में प्राचीन महापुरुषों के पवित्र जीवन-चरित्र से की जा सकती है। इस बात को दृष्टि में रखकर हमने गुजरात के भक्तशिरोमणि नरसिंह मेहता का चरित्र-चित्रण करनेका प्रयास किया है।

भक्तराज नरसिंहराम का जीवन अलौकिक बातों से भरा हुआ है। यद्यपि हमारी तुच्छ बुद्धि के लिये सारी बातों का रहस्य समझना और उन पर विश्वास करना कठिन है, फिर भी वे बातें हमारे अन्दर एक विचित्र आशा का संचार कर सकती हैं, जिसका प्रकाश हमें कल्याण मार्ग पर अग्रसर होने में पर्याप्त सहायक हो सकता है।

यद्यपि भक्तराज की अनेक जीवनियाँ उनकी मातृभाषा गुजराती में प्रकाशित हुई हैं; परंतु उनमें से कोई भी अभी तक भाषा, साहित्य और इतिहास की दृष्टिसे सर्वमान्य नहीं हो सकी है। इतना ही नहीं, प्रत्युत उनके जन्मादि का संवत् भी आजपर्यन्त विवादग्रस्त है। ऐसी स्थिति में यह कहना तो कठिन है कि यह चरित्र सब दृष्टियों से सर्वमान्य और प्रामाणिक हो सकता है । फिर भी जहाँ तक सम्भव था, इसे लिखने में हमने स्वयं भक्तराजरचित पदों से ही अधिक सहायता ली है। अवश्य ही कोई सच्चा विस्तृत इतिहास न मिलनेके कारण समस्त घटनाओं को श्रृंखलाबद्ध तथा रोचक बनाने के लिये हमें कहीं-कहीं कल्पना का सहारा लेना पड़ा है।  इसके अन्दर यदि कोई मधुर, सरस और उपदेश पूर्ण बात आयी हो तो वह उन भक्त राज की ही होगी ।

Weight 137 g
Dimensions 20 × 13.5 cm

Brand

Geetapress Gorakhpur

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bhakt Narsih Mehta”
Review now to get coupon!

Your email address will not be published. Required fields are marked *