Hath Yoga Pradipika (with Hindi Commentary)

85.00

Hath Yoga Pradipika (with Hindi Commentary) by Pt. HariharPrashad Tripathi Published by Chowkhamba, Kashi

योगसाधना के निमित्त आसन, प्राणायाम और मुद्राओं का प्रयोग आवश्यक माना गया है । शास्त्रों में अनेक प्रकार की मुद्राओं का वर्णन पाया जाता है जिनमें पाँच मुद्राएँ प्रधान मानी गयी हैं

प्रस्तुत पुस्तक ‘हठयोग प्रदीपिका’ में उक्त सभी विषयों की सविस्तृत विवेचना की गयी है । इसके प्रथम भाग में आसन, द्वितीय में प्राणायाम तृतीय में मुद्राओं का वर्णन तथा चतुर्थ में समाधि अवस्था का निरूपण किया गया है। इसकी भाषा अत्यन्त स्पष्ट, सरल एवं सजीव होने के कारण समस्त पाठकों के लिए यह अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी ।

Hath Yoga Pradipika (with Hindi Commentary) by Pt. HariharPrashad Tripathi Published by Chowkhamba, Kashi

पूर्वकाल में गुरुकुलवासी छात्रों को समस्त विषयों के साथ-साथ योगाभ्यास की शिक्षा भी अनिवार्य रूप दी जाती थी। इसका मूल उद्देश मानव को दीर्घावधि तक नीरोग एवं स्वस्थ बनाये रखना होता था, क्योंकि शरीर ही सभी वस्तुओं की प्राप्ति का हेतु होता है। शास्त्रों में भी कहा गया है—’धर्मार्थ काममोक्षाणां शरीरं साधनं यतः’ । अतः शरीर को दीर्घकाल तक स्वस्थ बनाये रखने के लिए एकमात्र साधन यौगिक क्रिया ही है योगसाधना के माध्यम से जरा-मृत्यु पर भी विजय प्राप्त करना सम्भव हो जाता है । आजकल भी समय-समय पर योग प्रशिक्षण शिविर के द्वारा इसका प्रचार-प्रसार होते देखा जा रहा है जो अत्यन्त प्रशंसनीय है ।

योगसाधना के निमित्त आसन, प्राणायाम और मुद्राओं का प्रयोग आवश्यक माना गया है । शास्त्रों में अनेक प्रकार की मुद्राओं का वर्णन पाया जाता है जिनमें पाँच मुद्राएँ प्रधान मानी गयी हैं, यथा

महामुद्रां नभोमुद्रां उड्डीयानं जलन्धरम् । मूलबन्धं च यो वेत्ति स योगी मुक्तिभाजनः ।।

अर्थात् महामुद्रा, नभोमुद्रा (खेचरी मुद्रा), उड्डीयानबन्ध, जलन्धरबन् एवं मूलबन्ध को जानने वाला योगी ही जीवन्मुक्त हो सकता है ।

प्रस्तुत पुस्तक ‘हठयोग प्रदीपिका’ में उक्त सभी विषयों की सविस्तृत विवेचना की गयी है । इसके प्रथम भाग में आसन, द्वितीय में प्राणायाम तृतीय में मुद्राओं का वर्णन तथा चतुर्थ में समाधि अवस्था का निरूपण किया गया है। इसकी भाषा अत्यन्त स्पष्ट, सरल एवं सजीव होने के कारण समस्त पाठकों के लिए यह अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होगी ।

Weight 135 g
Dimensions 21.5 × 13.5 cm

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Hath Yoga Pradipika (with Hindi Commentary)”
Review now to get coupon!

Your email address will not be published. Required fields are marked *