यह ग्रन्थ श्री रामानन्दाचार्य की ‘रामानंदी’ ‘संस्कृत-व्याख्या’ तथा पंडित श्री नारायणपति त्रिपाठी की ‘नारायणी’ ‘हिन्दी व्याख्या’ क्र साथ प्रकाशित हुआ है | इसका संपादन विश्रुत मनीषी विद्वान् आचार्य श्री करुणापति त्रिपाठी जी ने किया है |
विश्व की आध्यात्मिक राजधानी काशी के बारे में समस्त महिमा का वर्णन काशी खंड के नामक इस ग्रन्थ में उपलब्ध है | “काशी खंड का प्रत्येक अध्याय और आख्यान, परम पावन तथा ज्ञानवर्धक है |
आनंदकानन , अविमुक्त , मणिकर्णिका ,काशी, वाराणसी ,गंगा दशहरा ,वाहिकाख्यान , गंगा सहस्त्रनामस्तोत्रम , धनंजय वैश्य , वाराणसी की व्युत्पत्ति , महाशमशान, काल भैरव, ज्ञानवापी इत्यादि अनेखों रहस्य के बारे में विस्तार से वर्णन |
चार भागो में उपलब्ध , संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ,वाराणसी द्वारा प्रकाशित |
This book has been published by Shri Ramanandacharya’s’ Ramanandi ” Sanskrit-interpretation ‘and Pandit Shri Narayanapati Tripathi’s’ Narayani’ Hindi interpretation ‘. It has been edited by Vishrut Manishi scholar Acharya Shri Karunapati Tripathi ji.
The description of all the glory of Kashi, the spiritual capital of the world, is available in this book called ‘Kashi Khand’. “Every chapter and narrative of Kashi Khand is His Holiness and enlightening.
Anandakanan, Avimukt, Manikarnika, Kashi, Varanasi, Ganga Dussehra, Vahikakhyana, Ganga Sahasranamastotram, Dhananjaya Vaishya, Derivation of Varanasi, Mahashamshan, Kaal Bhairav, Gyanvapi etc. Details about many secrets.
Available in four parts, published by Sampurnanand Sanskrit University, Varanasi
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